बनारस न्यूज डेस्क: बनारस रेल मंडल एक बार फिर सीबीआई के रडार पर आ गया है। गति शक्ति योजना में भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते सीनियर डीईएन कोऑर्डिनेशन राकेश रंजन, एसएसई अभिषेक गुप्ता और तीन अन्य रेल कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। सोमवार रात सीबीआई ने राकेश रंजन को उनके सरकारी बंगले में नजरबंद कर पूछताछ की, वहीं मंगलवार को डीआरएम ऑफिस में बाकी आरोपियों से पूछताछ हुई।
सीबीआई ने इन अफसरों पर ठेकों में घूस लेकर चहेते ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है। आरोपियों में डीआरएम ऑफिस के ऑफिस सुपरिटेंडेंट मनीष, लेखा विभाग के योगेश गुप्ता और एईएन ऑफिस के वरिष्ठ लिपिक सुशील राय शामिल हैं। इन पर घूस की रकम सीधे बैंक खातों में ट्रांसफर कराने और गलत बिल पास कराने का आरोप है।
सूत्रों के मुताबिक, ठेकेदार प्रवीण सिंह के कर्मचारी ने राकेश रंजन को दो लाख रुपये नकद दिए, जबकि 50 हजार रुपये अभिषेक गुप्ता के बताए खाते में ट्रांसफर किए गए। इसके बाद तीन करोड़ के काम को मंजूरी दिलाई गई। सीबीआई ने इस मामले में आधा दर्जन धाराओं में केस दर्ज कर आरोपियों के मोबाइल भी जब्त कर लिए हैं।
रेल मंडल में इस कार्रवाई से हड़कंप मचा है। सीबीआई की टीम आरोपियों की गिरफ्तारी की तैयारी में है, जबकि मंडल प्रशासन ने फिलहाल चुप्पी साध रखी है। इससे पहले भी इंजीनियरिंग विभाग के वरिष्ठ अभियंता सत्यम कुमार सिंह को सीबीआई ने रंगे हाथों पकड़ा था।